लोग जिसे बर्बाद समझते थे
आज वह हुनरमंद कहलाता है
सीना चौड़ा हो जाता है सबका
जब देश का बच्चा मेडल लाता
है
कुछ तो हालात खुद्दार बना देते हैं
कुछ हुनर जोश दिलाता है
जी तोड़ मेहनत रंग लाती है
तो यही बच्चा देश का गौरव कहलाता है
कुछ तो हालात खुद्दार बना देते हैं
कुछ हुनर जोश दिलाता है
जी तोड़ मेहनत रंग लाती है
तो यही बच्चा देश का गौरव कहलाता है
लेकिन कहां रहते हैं यह लोग
जब यही बच्चा गरीबी में सो जाता है
खाने पीने के लाले होते हैं
कोई मदद को सामने नहीं आता है
क्यों यह मोहताज है शोहरत का
क्यों कोई मदद को नहीं आता है
जो चाहे देश की खातिर खेलने को कोई
कोई स्पॉन्सर नहीं मिल पाता
है
कैसी बेशर्मी है यह, कैसी बेहयाई है
सपोर्ट के नाम पर चिल्लर दिया जाता है
जो भूले भटके मिल जाए कामयाबी
तो हर नेता क्रेडिट लेने आ जाता है
जो मेडल नहीं ला पाया वह भी हुनरमंद है
फिर सबका विकास क्यों नहीं किया जाता है
सिर्फ मेडल वालों के साथ ही क्यों
फोटो सेशन किया जाता है
यह सवाल कचोटता है हर आम हिंदुस्तानी को
क्यों ऐसा सोतेला सुलूक किया जाता है
देश का गौरव मेडल जीतने के बाद ही क्यों
खिलाड़ी का सम्मान पहले से क्यों नहीं किया जाता है
Comments
Post a Comment